Sunday, April 25, 2010

मेरी मोहब्बत . . .


मेरी मोहब्बत को तुमने, हकीकत होने न दिया !
इस तरह सताकर तुमने, हंसने क्या रोने न दिया !!

चैन गरीबों की किस्मत में, लिखा कहाँ है जान-ए-मन ?
भूख ने कभी तो कभी, गम ने भी तेरे सोने न दिया !!

10 comments:

  1. चैन गरीबों की किस्मत में, लिखा कहाँ है जान-ए-मन ?
    भूख ने कभी तो कभी, गम ने भी तेरे सोने न दिया !!
    वाह वाह जी क्या बात है बहुत सुंदर.
    धन्यवाद

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  2. bahut achchhe janaab...................keep it up.

    bahut achchhr bhaav hai.

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  3. चैन गरीबों की किस्मत में, लिखा कहाँ है जान-ए-मन ?
    भूख ने कभी तो कभी, गम ने भी तेरे सोने न दिया !!
    " सच ही तो है..."
    regards

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  4. umda rachna..
    kafi acha likha hai!

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  5. चैन गरीबों की किस्मत में, लिखा कहाँ है जान-ए-मन ?
    भूख ने कभी तो कभी, गम ने भी तेरे सोने न दिया !!
    bahut hi umda soch ki upaj hain apke muktak.

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  6. चैन गरीबों की किस्मत में,... bahut sunder... isse aur aage badhye... kafi kuchh kaha ja sakta hai

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