तुम चली गयी कहके, मुझको फिर न आना है,
न ही तू है मेरे काबिल, न मेरा दीवाना है !!
क्या सितम किया मैंने, कैसे तुमने छोड़ा है ?
इन ग़मों के सागर को, मेरी ओर मोड़ा है !!
मैंने समझा जीवन सी, तुम पतंग की मांझा हो,
तुम ही मेरी लैला हो, तुम ही मेरा राँझा हो !!
तुमको क्या बताऊँ कैसे, खुद को अब संभाला है ?
गम की गोद में सोया, आंसुओं ने पाला है !!
आज कैसे जाना तुमने, ये शहर हमारा है ?
हमारी ये गलियां हैं, ये ही घर हमारा है !!
आज करती प्यार तुम भी, और मेरा प्यार जाना है,
जब मेरे है पास सबकुछ, पीछे ये जमाना है !!
न ही तू है मेरे काबिल, न मेरा दीवाना है !!
क्या सितम किया मैंने, कैसे तुमने छोड़ा है ?
इन ग़मों के सागर को, मेरी ओर मोड़ा है !!
मैंने समझा जीवन सी, तुम पतंग की मांझा हो,
तुम ही मेरी लैला हो, तुम ही मेरा राँझा हो !!
तुमको क्या बताऊँ कैसे, खुद को अब संभाला है ?
गम की गोद में सोया, आंसुओं ने पाला है !!
आज कैसे जाना तुमने, ये शहर हमारा है ?
हमारी ये गलियां हैं, ये ही घर हमारा है !!
आज करती प्यार तुम भी, और मेरा प्यार जाना है,
जब मेरे है पास सबकुछ, पीछे ये जमाना है !!
- प्रसून दीक्षित 'अंकुर'
आज करती प्यार तुम भी, और मेरा प्यार जाना है,
ReplyDeleteजब मेरे है पास सबकुछ, पीछे ये जमाना है !!
बढिया रचना !!
achchha likha hai
ReplyDeleteआज कैसे जाना तुमने ये शहर हमारा है
ReplyDeleteहमारी ये गलियां है,ये ही घर हमारा है
एक पंक्ति याद आ गई
तुम्ही ने दर्द दिया तुम्ही दवा देना
गरीब जान के मुझे न भुला देना
भाव पूर्ण है
जिन्दगी तो बस मुहब्बत और मुहब्बत जिन्दगी
ReplyDeleteफिर सुमन दहशत में जीकर हाथ क्यों मलता रहा
जिनद्गी में इश्क का इक सिलसिला चलता रहा
लोग कहते रोग है फिर दिल में क्यों पलता रहा
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
आज करती प्यार तुम भी, और मेरा प्यार जाना है,
ReplyDeleteजब मेरे है पास सबकुछ, पीछे ये जमाना है !!
behtareen soch ka parinaam hai apki yah gajal.dil ko chu kar nikal jaati hai,yatharth ke dharatal par khadi such se rubru karati hui.
किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
ReplyDeleteतुमको क्या बताऊँ कैसे, खुद को अब संभाला है ?
ReplyDeleteगम की गोद में सोया, आंसुओं ने पाला है !!
Kya gazabki rachana hai!
waah, bahut hi badhiyaa
ReplyDeleteदीक्षित जी
ReplyDeleteथोड़ा फान्ट बड़ा करदेँ
मोबाइल पर पढ़ नहीँ
मिलता है।
धन्यवाद
nice expressions...
ReplyDeleteregards
ACCHI RACHNA.......SUNDAR BHAV!!!!
ReplyDeletegood-good Prasoon dear
ReplyDeleteKeep Writing bro !!
my wishes always with you
prasun tumhari ye rachna ki jo lines hai dil ko chhu gayi khash kar ye line.......
ReplyDeleteआज करती प्यार तुम भी, और मेरा प्यार जाना है,
जब मेरे है पास सबकुछ, पीछे ये जमाना है !!
bahut si rachnaon ko padha maine sabke sab lazvab hain........bhadai ho tumhe
निसंदेह सुन्दर शब्दों को संजोया है प्यार इश्क रोग है ऐसा
ReplyDeleteअक्ल पे हम को नाज बहुत था लेकिन ये कब सोचा था
इश्क के हाथों ये भी होगा लोग हमें समझायेंगे
Bahut khoob...
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