Friday, May 21, 2010

तुम्हारा नाम . . .



मेरी साँसों के हर स्वर में, तुम्हारा नाम आया है !
मेरे हाथों में रह-रह के, ऐ साकी जाम आया है !!

तेरे गम ने मुझे पाने की ये, साजिश रची कैसे ?
तेरा दामन किसी के हाथ में, वो थाम आया है !!

14 comments:

  1. ऐसे ही लिखते रहिये
    आशीर्वाद आपको बेटा

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  2. यदि इस रचना को कुछ इस प्रकार लिखें तो अच्छा लगेगा...

    मेरी साँसों के हर स्वर में, नाम तुम्हारा आया है !
    मेरे हाथों में रह-रह के,जाम ऐ साकी आया है !!

    तेरे गम ने मुझे पाने की ये, रची साजिश कैसी ?
    तेरा दामन किसी के हाथ में, थाम वो आया है !!


    वैसे अच्छा लिखा है.मेरी शुभकामनाएं...

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  3. aap likhte hain yahi aaj ke parivesh me atiuttam hai.

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  4. good,,, excellent....

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  5. वाह क्या रचना प्रस्तुत की आपने..सुंदर भावपूर्ण और लयबद्ध
    सहेज कर रखने योग्य रचना

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  6. तेरे गम ने मुझे पाने की ये, साजिश रची कैसे ?
    तेरा दामन किसी के हाथ में, वो थाम आया है
    बेहद खुबसूरत....
    regards

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  7. मेरी साँसों के हर स्वर में, तुम्हारा नाम आया है !
    मेरे हाथों में रह-रह के, ऐ साकी जाम आया है !!

    तेरे गम ने मुझे पाने की ये, साजिश रची कैसे ?
    तेरा दामन किसी के हाथ में, वो थाम आया है !!

    बहुत उमदा जनाब
    एक शे’र बतौर दाद आपकी ख़िदमत में हाज़िर

    मुझ तशनालब को साक़ी ने ये कैसा इनआम दिया है
    सबको जाम दिए भर-भर कर मुझको ख़ाली जाम दिया है
    (गोविन्द गुलशन)

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  8. prasoon bilkul marm se nikali aawaz hai har shabd me...........bahut achha laga padh kar .

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  9. खूबसूरत चित्रों के साथ मन के भावों को बहुत सुन्दर लिखा है...

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