Tuesday, December 29, 2009

वफ़ा की मूरतें मिलती नहीं दुनिया में . . .



किसी से दिल लगाने का अगर कुछ, काम तुम रखना !
उसका ही साथ अपनी जिंदगी के, नाम तुम रखना !!

वफ़ा की मूरतें मिलती नहीं दुनिया में, जरा सुन लो ;
हमारी ही तरह चाहत का, बस इक पैगाम तुम रखना !!

2 comments:

  1. hamari hi tarah chahat ka .bas ik paigam tum rakhana.bahut sunder.

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  2. Prasoon



    Subhan allah


    Kamaal ka likha hai apne !!

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