
तेरी चाहत की दुनिया का, सुन ले क्या फ़साना है ?
दिलों से खेलने का, एक इसमें कारखाना है !
तू ही वो बेवफा है, तेरा ही ये कारनामा है ;
कि मेरे हाथ में भी, आज देखो पैमाना है !!
आपका - प्रसून दीक्षित 'अंकुर'
है फकत ये जिंदगी बस चार ही दिन की जनाब, लाख कोशिश करो न भूलने की ये सामान सारा, पर सब यहीं पर छोड़ के एक दिन तो जाना ही है !! - प्रसून 'अंकुर'
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