
ये दुनिया प्यार की हर बात से अन्जान होती है,
हीर के दिल में ही रांझे के उसकी जान होती है।
हीर के दिल में ही रांझे के उसकी जान होती है।
कोई लैला भी मजनू संग कभी बदनाम होती है,
एक पारो भी अपने देव का अरमान होती है।
एक पारो भी अपने देव का अरमान होती है।
ऐ मेरी दिलरुबा उल्फत में लेकिन क्या किया तूने ?
कि मेरी रात अब गम से तेरे शमशान होती है।
कि मेरी रात अब गम से तेरे शमशान होती है।
By- Prasoon Dixit 'Ankur'
No comments:
Post a Comment