Monday, December 28, 2009

बस मुस्कुरा देना . . .



समझकर ख्वाब मेरे प्यार को, न तुम भुला देना !
जानकार पत्र कागज़ का, न केवल तुम जला देना !!



मोहब्बत है अगर तुमको भी हमसे, तो ज़रा सुन लो,
हमारी मौत पर इक बार तुम, बस मुस्कुरा देना !!


आपका - प्रसून दीक्षित 'अंकुर'

2 comments:

  1. अच्छी शुरुआत हॆ.इसी तरह आगे बढते रहो.स्वागत हॆ आपका.

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  2. आपका कोटि - कोटि धन्यवाद ! आपका इसी प्रकार का प्रोत्साहन मेरे जीवन के आगामी प्रयास को सफल बनाने में अनन्य सहायक होगा ! अतः इसी प्रकार प्रतिक्रिया व्यक्त करते रहें !

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